26-06-1994
12:05 A.M
तन्हां रातों का कट जाना आसां नहीं है
लम्हों का लम्हों में बीत जाना आसां नहीं है
हँसते हुए देखा है लोगो को बहुत
हकीकत-ए-हयात में मुस्कुराना आसां नहीं है
तेरे तसव्वुर में रहते है खोये हुए हरदम
तेरी यादों से दिल बहलाना आसां नहीं है
शोला-ए-इश्क को देती है हवा और
जाम-ए-मय में डूब जाना आसां नहीं है