तू
दूर कहाँ मुझसे ,
देख..........
समझ के
बदन तेरा
छुआ
पानी को मैंने......
हथेली
में लिया,
नज़र भर
देखा और
होंठो से छुआ
मैंने ........
लबों की
मिठास बढ़ सी गयी,
रूह की तश्नगी
मिट सी गयी
जिंदगी को इक
करार सा आ गया
बस तेरी याद से ही
जो ख्वाब था ,
हकीकत में आ गया
पानी था वो
नशा मोहब्बत का
छा गया .........
दूर कहाँ मुझसे ,
देख..........
समझ के
बदन तेरा
छुआ
पानी को मैंने......
हथेली
में लिया,
नज़र भर
देखा और
होंठो से छुआ
मैंने ........
लबों की
मिठास बढ़ सी गयी,
रूह की तश्नगी
मिट सी गयी
जिंदगी को इक
करार सा आ गया
बस तेरी याद से ही
जो ख्वाब था ,
हकीकत में आ गया
पानी था वो
नशा मोहब्बत का
छा गया .........