13-08-2000
01:25 AM
जुम्बिश कोई हो भी नहीं मैं तेरा कहा मान लूँ
तूँ कुछ कहे भी नहीं और मैं तेरा कहा जान लूँ
देखता रहूँ चाँद को तेरा चेहरा जान कर
सितारों की चमक को तेरा तबस्सुम मान लूँ
निकलता हुआ आफ़ताब हर सुबह मैं थाम लूँ
रौशनी में आफ़ताब की मैं तेरा प्यार जान लूँ
खुशबू तेरे बदन की हर गाम पर मान लूँ
तूँ न मिले तो मैं तेरे लिबास से काम लूँ
01:25 AM
जुम्बिश कोई हो भी नहीं मैं तेरा कहा मान लूँ
तूँ कुछ कहे भी नहीं और मैं तेरा कहा जान लूँ
देखता रहूँ चाँद को तेरा चेहरा जान कर
सितारों की चमक को तेरा तबस्सुम मान लूँ
निकलता हुआ आफ़ताब हर सुबह मैं थाम लूँ
रौशनी में आफ़ताब की मैं तेरा प्यार जान लूँ
खुशबू तेरे बदन की हर गाम पर मान लूँ
तूँ न मिले तो मैं तेरे लिबास से काम लूँ