View - एक नज़रिया
जज्बात और अल्फाज़ का मिलन बना है खास सा तुम कैफियत से जायका लेना हर इक एहसास का
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Friday, February 22, 2013
दैर-ओ-हरम में जाकर लाख मन्नतें मनायी
दैर-ओ-हरम में जाकर लाख मन्नतें मनायी
ये हश्र हुआ है मेरा की मयखाने जा रहा हूँ
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