जज्बात और अल्फाज़ का मिलन बना है खास सा तुम कैफियत से जायका लेना हर इक एहसास का
अल्फाज़ में जो तारीफ बसी है वो तुम हो .... मेरी कशमकश पेशतर लफ्ज़ के कुछ कहूँ तो कैसे ?