10 August 2021
10:45 PM
मनोहर है म्हारा हरियाणा
चमके सोने सा अन्न का दाना
दे के गीता का ज्ञान यहाँ पे
इस धरती को पवित्र माना
महाभारत का साक्षी हो के
न अहंकार का कोई ठिकाना
खेल कूद में है सबसे आगे
सारे जग ने हमको गुरु है जाना
भिन्न भिन्न जाती के लोग यहाँ
मगर भाईचारा है सबने ठाना
लाज राखिओ इब सारे इसकी
भेदभाव का कलंक न लगाना
खूब तरक्की पे रहे प्रांत म्हारा
तुम नित ज्ञान के दीप जलाना