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Friday, January 27, 2023

दर्द के दरिया को हद से गुज़र जाने दे तेरी


27 January 2023
05:50 AM

दर्द के दरिया को हद से गुज़र जाने दे
तेरी तौफ़ीक़ मौज खुद को मुस्कराने दे ।

बह जाने दे अश्क जी भर भी आए तो
अपनी आंखों में न इनको घर बनाने दे ।

पुराने दोस्त पुरानी शराब-सी कैफियत है
मदहोश हो कभी , कभी बहक जाने दे ।

बरसों से न क्यूँ तेरे जी को क़रार आया
ठहर कुछ पल ज़हन को भी ठहर जाने दे ।

किरदार बहुत अच्छा हो तो डर लगता है
गुनाह भी हो जिसमें ऐसे अफसाने दे ।

कब तक संभाल रखेगा दिल पे बोझ अपने
ले हाथ बढ़ाता हूँ ,बाँट अपने ये ख़ज़ाने दे ।