तेरी रूहानी
आंखों का वो सूनापन
लगता है तेरा ही वजूद
तलाश रहा है तुझको
रास्तों पर बदस्तूर चलते देखा
मगर पहुंचकर
मंजिल पर
भटकते देखा है तुझको
खुशगवार रास्ते पुकारते हैं
अब भी
के सफर के इम्तिहान
बाकी हैं कुछ तो
तूँ रास्तों पर छोड़
कुछ ऐसे निशां अब के
खुद बढ़कर
मंजिल ही पा ले तुझको
आंखों का वो सूनापन
लगता है तेरा ही वजूद
तलाश रहा है तुझको
रास्तों पर बदस्तूर चलते देखा
मगर पहुंचकर
मंजिल पर
भटकते देखा है तुझको
खुशगवार रास्ते पुकारते हैं
अब भी
के सफर के इम्तिहान
बाकी हैं कुछ तो
तूँ रास्तों पर छोड़
कुछ ऐसे निशां अब के
खुद बढ़कर
मंजिल ही पा ले तुझको