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Wednesday, March 13, 2013

खंजर


तेरे तस्सवुर में दुनिया भुलाये बैठे है
बेख़ौफ़ लबों पे खंजर लगाये बैठे है
तुझे वफ़ा चाहिए या लहू की है तलाश
आ देख सारा सामान सजाये बैठे है

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