इक कतरा प्यास है मेरी, आरज़ू समंदर की कौन करे ?
'उसकी' क़ायनात, उसकी जिंदगी, कोई जुस्तजू कौन करे ?
'वोही' सवाल, वोही जवाब, वोही आफ़ताब, वोही माहताब
'किसको' देखूँ, किसको चाहूँ, तासीर-ए-ख़्वाब कौन करे ?
कौन हूँ मैं ? जो चाहूँ कुछ, कौन है तूँ? जिसे चाहूँ मैं
तूँ और मैं यहाँ है भी के नहीं? इसकी इतला कौन करे ?
कौन आया? कौन गया? किसने बनाया? किसने मिटाया?
किसने खोया? किसने पाया? इसका फैसला कौन करे?