बहुत खूबसूरत सी है ज़िंदगी
आओ दोस्तों मज़ा करे
कुछ सरफिरो के चलते
क्यूँ जिंदगी को कज़ा करे
खताए होती भी रहेंगी आदमीं जो ठहरे
कुछ खताओं के चलते क्यूँ जिंदगी को सजा करे
बेशक उम्मीद कायम है संभल जाने की
फिसलने की मगर क्यूं हम रज़ा करे
गम-ए-हयात की संजीदगी भी रहे कायम
इस निस्बत से खुशनुमा फिज़ा करे
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आओ दोस्तों मज़ा करे
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