Translate

Sunday, January 15, 2017

कोई धूप छोड़ गया है मेरे

कोई धूप छोड़ गया है मेरे हिस्से में
भर-भर झोलीयाँ खुद पे वारता हूँ मैं
अपनी दीवानगी तो पहले कम न थी
नज़रों से उनकी नज़रें उतारता हूँ मैं

Friday, January 6, 2017

ज़िंदगी में जो ख़ला - सी है

ज़िंदगी में जो ख़ला - सी है
किसी और की ख़ता - सी है

मुझे पुकारती कसमसाहटें तेरी
तेरी फ़ितरत बेशक बला - सी है

ख़ामोशियां कहती है कुछ तो
अल्फाज़ से मगर ख़फा - सी है

जफा़ ऐसे बिखरी हयात में
वफ़ा अब इक सज़ा - सी है

अक्स देता है आईना तुम्हें
ज़ाहिर मगर कज़ा - सी है