नादानियां और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है
मेरे चेहरे पर झुर्रियों का इशारा हो रहा है
पहले मैं खुद को समझता था सब कुछ
अब सब कुछ खुदा का सहारा हो रहा है
बाज़ी इश्क़ की लगा ली उसके साथ
दुनिया भर से अब नकारा हो रहा है
मोहब्बतों से खूब जी भर गया अब तो
फकत नफरतों से ही किनारा हो रहा है
खुल गया आसमान जो उसके इशारे पर
दुनिया समझ रही है ये आवारा हो रहा है
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