अच्छा ! अब तुम हमें यूँ सताओगे ?
छुप के जमाने की भीड़ में,
इक आवाज़ भी न लगाओगे ?
मिलोगे जमाने भर से
हमे नज़र भी न आओगे ?
हाल-ए-दिल तुम्हारा हवाओं से जाने ?
अब नज़रों से अपना हाल न सुनाओगे ?
पायल की बंदिशों को तरस गया है दिल
वो दिलरुबा संगीत कब सुनाओगे ?
सोया नहीं हूँ कब से इंतज़ार में तुम्हारी
इक इशारा भेजो क्या ख्वाबों में आओगे ?
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