जज्बात और अल्फाज़ का मिलन बना है खास सा तुम कैफियत से जायका लेना हर इक एहसास का
तेरी शोखियां दम भरती हैं मेरी निगाहों के सामने .... क्यों मसोसता है दिल को तू मेरे करीब आने पे .....
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