जज्बात और अल्फाज़ का मिलन बना है खास सा
तुम कैफियत से जायका लेना हर इक एहसास का
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Thursday, March 30, 2017
फितरत ए दिमाग के मुग़ालते कुछ और हैं
फितरत ए दिमाग के मुग़ालते कुछ और हैं......
शख्सियतें बज़ाहिर कुछ और हकीकतन कुछ और है .......
औरत और मर्द के तक्सीम के नहीं कुछ मायने इसमें.......
इरादे सबके अभी कुछ और कभी कुछ और हैं........
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