जज्बात और अल्फाज़ का मिलन बना है खास सा तुम कैफियत से जायका लेना हर इक एहसास का
फांस ......
मेरे हाथ में ही
फंसी थी.....
मगर.......
उस एहसास का क्या ?
छुए कोई भी .......
मुझे दर्द होता है......
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