जज्बात और अल्फाज़ का मिलन बना है खास सा तुम कैफियत से जायका लेना हर इक एहसास का
आ खोलें दिल का दर्द दोनों अपना ....... मुद्दत हुई दर्द को दर्द से मिले हुए .........
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