जज्बात और अल्फाज़ का मिलन बना है खास सा तुम कैफियत से जायका लेना हर इक एहसास का
वो वाकिफ नहीं है मेरे ख्वाबों की शिद्दत से शायद..... इक बार ख्वाब में आया तो फिर निकल नहीं पाया......
No comments:
Post a Comment