For Gauri
11:04:2016
10:15 PM
बचपन में खेलना पतंगों से याद आता है
इ-इमली ऊ-उल्लू ऋ-ऋषि याद आता है
कंचों की चरमराहट में खेलना मिट्टी से
वो लंगड़ी टांग वो चोर सिपाही याद आता है
ढ-ढक्कन से ढक जाता था दिमाग सारा
अँ - खाली से सब खाली रह जाना याद आता है
ब-बस तक मैं पहुंच नहीं पाया कभी भी
ओ-ओखली में अपना सर देना याद आता है