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Wednesday, May 3, 2017

फुरसत भी हो ...... तनहाई

फुरसत

भी हो ......

तनहाई

भी हो .......

ऐसे में ताजा हवा का झोंका

छू जाए वजूद को
.
.
.
.
.
.

दो लफ़्ज़

हो मेरे पास .....

इक तुझ में

खो जाएं कहीं ......

और ढूंढता फिरे

महबूब को......

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