04-12-2008
06:35 P.M
अक्स जब भी देखा है आईने में हमने
नज़र भर तुमको देखा है ऐसे हमने
ज़माने के चलन से कभी सरोकार न रहा
एतबार मोहब्बत पे रखा है ऐसे हमने
वक़्त ने दी है मोहल्लत कुछ कहने की
जब की हर लफ़्ज़ कह रखा है वैसे हमने
मोहब्बत की तस्वीर को कोई तो रंग दो
हर रंग को तुमसे जोड़ रखा है जैसे हमने
कह दूं या ख़ामोश रहूँ अब बात एक है
मक़ाम मोहब्बत में देख रखा है कैसे हमने
06:35 P.M
अक्स जब भी देखा है आईने में हमने
नज़र भर तुमको देखा है ऐसे हमने
ज़माने के चलन से कभी सरोकार न रहा
एतबार मोहब्बत पे रखा है ऐसे हमने
वक़्त ने दी है मोहल्लत कुछ कहने की
जब की हर लफ़्ज़ कह रखा है वैसे हमने
मोहब्बत की तस्वीर को कोई तो रंग दो
हर रंग को तुमसे जोड़ रखा है जैसे हमने
कह दूं या ख़ामोश रहूँ अब बात एक है
मक़ाम मोहब्बत में देख रखा है कैसे हमने