20-04-2012
12:29 PM
जिंदगी कहती है होकर मेरा इक बार देखो
जिस के ख्वाब है, वो जन्नत बार-बार देखो
कोशिश क्यूं है मुझसे पार पाने की बता
डूब कर पूरी तरह मुझमे इक बार देखो
मैं तो सदियों से तुम्हारी हूँ तुम्हारी रहूंगी
अपना कर मुझको इक बार देखो
अपना-अपना नज़रिया है सब समझने का
सोच बदल कर मेरे यार इक बार देखो
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