18-01-1993
01:00 AM
उदास फिज़ां में मुस्कराहट सी नज़र आती है
देखे हम भी बहार किस तरह चमन में आती है
घुँघरू जो बजने लगे है , ज़ेहन में मेरे
बेशक तेरे कदमों की ही आहट आती है
ढूँढो कोई तो सवाब मेरी दिवानगी का भी
खुद-बा-खुद मेरी धड़कन बढती जाती है
हज़ार कोशिश की है बा-अदब रहने की मैने
खुशबू तेरे बदन की मेरी साँसों को बहकाती है
हाँ सच तौबा कर लूँगा मयकशी से भी मै
इक बार पी लूँ जो आँखे तेरी छलकाती है
01:00 AM
उदास फिज़ां में मुस्कराहट सी नज़र आती है
देखे हम भी बहार किस तरह चमन में आती है
घुँघरू जो बजने लगे है , ज़ेहन में मेरे
बेशक तेरे कदमों की ही आहट आती है
ढूँढो कोई तो सवाब मेरी दिवानगी का भी
खुद-बा-खुद मेरी धड़कन बढती जाती है
हज़ार कोशिश की है बा-अदब रहने की मैने
खुशबू तेरे बदन की मेरी साँसों को बहकाती है
हाँ सच तौबा कर लूँगा मयकशी से भी मै
इक बार पी लूँ जो आँखे तेरी छलकाती है
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