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Thursday, September 8, 2016

अल्फाज़ तो दीवाने होते है


अल्फाज़ तो दीवाने होते है .....
मुंतज़िर हुस्न ओ ज़माल के ....
बहने लगते है पिघल कर ....
जलवाग़री ए हसीँ ख़्याल के .....

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