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Friday, January 27, 2023

दर्द के दरिया को हद से गुज़र जाने दे तेरी


27 January 2023
05:50 AM

दर्द के दरिया को हद से गुज़र जाने दे
तेरी तौफ़ीक़ मौज खुद को मुस्कराने दे ।

बह जाने दे अश्क जी भर भी आए तो
अपनी आंखों में न इनको घर बनाने दे ।

पुराने दोस्त पुरानी शराब-सी कैफियत है
मदहोश हो कभी , कभी बहक जाने दे ।

बरसों से न क्यूँ तेरे जी को क़रार आया
ठहर कुछ पल ज़हन को भी ठहर जाने दे ।

किरदार बहुत अच्छा हो तो डर लगता है
गुनाह भी हो जिसमें ऐसे अफसाने दे ।

कब तक संभाल रखेगा दिल पे बोझ अपने
ले हाथ बढ़ाता हूँ ,बाँट अपने ये ख़ज़ाने दे ।


Wednesday, May 18, 2022

इक बात कह दूँ तो बदल तो नहीं जाओगे


18 May 2022
10:30 AM

इक बात कह दूँ तो बदल तो नहीं जाओगे
कुछ साफ कह दूँ तो बदल तो नहीं जाओगे

तुम्हारी नजरों की खामोशिया कहती है मुझे
बे लिहाफ कह दूँ तो बदल तो नहीं जाओगे

निगाहें तरसती है जो हरदम तेरे दीदार को
बे हिजाब कह दूँ तो बदल तो नहीं जाओगे

इतरा के पूछते हो तुम इन आँखों में क्या है
इक जाम कह दूँ तो बदल तो नहीं जाओगे

कहते जो रहते हो तुम नींद में रखा क्या है
इक ख्वाब कह दूँ तो बदल तो नही जाओगे






Wednesday, May 11, 2022

गजल हो तुम मैं क्या

12:20 AM
11 May 2022

गजल हो तुम मैं क्या कहूँ सँवार लो खुद को
मदहोश मेरी नजर से बस निहार लो खुद को

रुखसार पर जब कभी भी जुल्फ लहराती है
बेबस हूँ मैं तो तुम इक बार प्यार दो खुद को

नशीली ऑखों से मय ओ मीना शरमाती है
जाम ना दो कोई मुझे बस वार दो खुद को

आईना बेबस सा रहता पा के अक्स तुम्हारा
जहमत उठाया न करो यूँ करार दो खुद को



Tuesday, August 10, 2021

हरियाणा

10 August 2021
10:45 PM

मनोहर है म्हारा हरियाणा
चमके सोने सा अन्न का दाना

दे के गीता का ज्ञान यहाँ पे
इस धरती को पवित्र माना

महाभारत का साक्षी हो के
न अहंकार का कोई ठिकाना

खेल कूद में है सबसे आगे
सारे जग ने हमको गुरु है जाना

भिन्न भिन्न जाती के लोग यहाँ 
मगर भाईचारा है सबने ठाना

लाज राखिओ इब सारे इसकी
भेदभाव का कलंक न लगाना

खूब तरक्की पे रहे प्रांत म्हारा
तुम नित ज्ञान के दीप जलाना


Monday, March 15, 2021

तुम फिर उसी शरारत में हो कि मैं कलम उठाऊं

तुम फिर उसी शरारत में हो कि मैं कलम उठाऊं 
हुस्न से फिसलते हुए अल्फ़ाज़ कागज़ पर सजाऊं

कि अदाओं की सरगोशियाँ शरारत से खेल जाएं
ज़ख्म-ए-तीर-ए-नज़र का मंज़र किसे दिखाऊँ 

तुम तो तुम हो, मगर तुम क्या जानो, क्या तुम हो
ताब - ए - तबस्सुम की दिल रुबाईयाँ कैसे बताऊँ

सौ बार देख कर भी तस्वीर तुम्हारी कसक एक है
मचलते जज्बातों की दुश्वारियाँ कहाँ दरया में बहाऊँ




Tuesday, September 15, 2020

अच्छा ! अब तुम हमें यूँ सताओगे ?

अच्छा ! अब तुम हमें  यूँ सताओगे ?

छुप के जमाने की भीड़ में,
 इक आवाज़ भी न लगाओगे  ?

मिलोगे जमाने भर से
हमे नज़र भी न आओगे ?

हाल-ए-दिल तुम्हारा हवाओं से जाने ?
अब नज़रों से अपना हाल न सुनाओगे ?

पायल की बंदिशों को तरस गया है दिल
वो दिलरुबा संगीत कब सुनाओगे ?

सोया नहीं हूँ कब से इंतज़ार में तुम्हारी
इक इशारा भेजो क्या ख्वाबों में आओगे ?

Monday, August 10, 2020

नादानियां और तजुर्बे का बंटवारा

नादानियां और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है 
मेरे चेहरे पर झुर्रियों का इशारा हो रहा है 

पहले मैं खुद को समझता था सब कुछ 
अब सब कुछ खुदा का सहारा हो रहा है

बाज़ी इश्क़ की लगा ली उसके साथ
दुनिया भर से अब नकारा हो रहा है

मोहब्बतों से खूब जी भर गया अब तो 
फकत नफरतों से ही किनारा हो रहा है

खुल गया आसमान जो उसके इशारे पर
दुनिया समझ रही है ये आवारा हो रहा है

Friday, July 31, 2020

जज्बात


अब तो मिलने की ज़िद भी छोड़ दी मैंने अब तो अपनी

अब तो मिलने की ज़िद भी छोड़ दी मैंने
अब तो अपनी आँखों में बसा लो मुझ को 

जन्मों की प्यास सदियों से भरी है दिल में 
मेरे वजूद से ही अब तुम मिला दो मुझ को  

मैं कहूँ या कह भी न सकूँ, समझ जाओ तुम
इतराने की इक तरकीब तो बता दो मुझ को

मिलने की बात पर तुम बेशक मुँह मोड़ लो
मैं सँवर जाऊँ ऐसी शाम तो बता दो मुझ को 






Friday, June 26, 2020

ना मैं तेरे होने से हूँ Re,Kafir



In reply to my friend Devender "Kafir"

ना मैं तेरे होने से हूँ 
ना तूँ मेरे होने से है 
मैं भी उसके होने से हूँ 
तू भी जिसके होने से है 

खेती इंसान की ना मेरा कारोबार 
ना तेरा सरोकार 
बीज की फितरत भी फ़क़त 
बस किसी के बोने से हैं 
इल्म बीज को भी कहाँ ?
बना वो किस के कोने से है 

ना तूँ मेरे दर्द में शामिल 
ना मैं तेरे दर्द में शामिल 
कोई फर्क नहीं यहाँ पर 
मतलब चाहे किसी के रोने से है

हाँ यह सच है बिल्कुल सच है 
गुम है हम दोनों 
मगर यह कहना मुश्किल कि 
यह तेरे खोने से या मेरे खोने से है 

अब जान कर भी अंजान मत बन "क़ाफिर" जाने तू भी है सारा खेल 
ना कुछ तेरे होने से है 
ना कुछ मेरे होने से है