14-12-2008
11:45 A.M
आज सुबह मोहब्बत ने सवाल किया मुझसे
तुझे तपती धूप कहूं? या ठंडी छांव कंहूँ ?
मेरे ज़ेहन ने जवाब दिया उसको -
न मै तपती धूप हूँ - न ठंडी छांव हूँ ,
जब सर्द हवाएं सताए तुम्हे - तो मुझे मीठी धूप समझ लेना
जब सूरज की किरणे जलायें तुम्हे - तो ठंडी छांव समझ लेना
मेरे इश्क का कोई एक आयाम नहीं है
जिस रूप में ज़रुरत हो मोहब्बत की -
उस रूप को मेरा एहसास समझ लेना ,
फूलों में बसा है खुशबू की तरह
चाँद में छिपा है चांदनी की तरह
मेरा इश्क हरदम साथ है तुम्हारे
तुम्हारे दिल में बसा है धड़कन की तरह
तुम खुशबू को मेरा एहसास समझ लेना
चांदनी को मेरा प्यार समझ लेना
जब भी बरसे बादल जम कर आसमाँ से
मेरी मोहब्बत का ये इकरार समझ लेना
11:45 A.M
आज सुबह मोहब्बत ने सवाल किया मुझसे
तुझे तपती धूप कहूं? या ठंडी छांव कंहूँ ?
मेरे ज़ेहन ने जवाब दिया उसको -
न मै तपती धूप हूँ - न ठंडी छांव हूँ ,
जब सर्द हवाएं सताए तुम्हे - तो मुझे मीठी धूप समझ लेना
जब सूरज की किरणे जलायें तुम्हे - तो ठंडी छांव समझ लेना
मेरे इश्क का कोई एक आयाम नहीं है
जिस रूप में ज़रुरत हो मोहब्बत की -
उस रूप को मेरा एहसास समझ लेना ,
फूलों में बसा है खुशबू की तरह
चाँद में छिपा है चांदनी की तरह
मेरा इश्क हरदम साथ है तुम्हारे
तुम्हारे दिल में बसा है धड़कन की तरह
तुम खुशबू को मेरा एहसास समझ लेना
चांदनी को मेरा प्यार समझ लेना
जब भी बरसे बादल जम कर आसमाँ से
मेरी मोहब्बत का ये इकरार समझ लेना
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