19-05-1997
11:00 A.M
क्या करोगे जब कभी हमारी याद आएगी ?
क्या ख़्वाबो में गुम होकर माज़ी में जाओगे ?
बिस्तर को समझ कर तुम वजूद मेरा
क्या लिपट कर तकिये से आंसू बहाओगे ?
देर तक लरज़ाएगी जब तुम्हे यादे मेरी
क्या उस दम खुद को भी भूल जाओगे ?
दर हकीक़त जो मेरे मुक़द्दर में न था
क्या ख़्वाबो में देकर मेरे जज़्बात सहलाओगे ?
11:00 A.M
क्या करोगे जब कभी हमारी याद आएगी ?
क्या ख़्वाबो में गुम होकर माज़ी में जाओगे ?
बिस्तर को समझ कर तुम वजूद मेरा
क्या लिपट कर तकिये से आंसू बहाओगे ?
देर तक लरज़ाएगी जब तुम्हे यादे मेरी
क्या उस दम खुद को भी भूल जाओगे ?
दर हकीक़त जो मेरे मुक़द्दर में न था
क्या ख़्वाबो में देकर मेरे जज़्बात सहलाओगे ?
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