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Saturday, July 14, 2012

छूते है जब नन्हें हाथ मुझे

09-07-2012
12:35 PM
छूते  है जब नन्हें हाथ मुझे
खो जाता हूँ नए सँसार में

खुदा जाने इतनी कशिश क्यूँ  है
छोट्टे-छोट्टे बच्चों के प्यार में

खेल-खिलोने, गुडिया, गाड़ी
सब सजते है इनके दरबार में

इनकी मुस्कराहट सारे ग़म भुलादे
सारी खुदायी है इनके अंदाज़ में

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