21-09-1994
09:20 AM
तुम्हारे एहसान जो मुझ पे क़ायम थे कल तक
बहुत शिद्दत से मैं आज भी महसूस करता हूँ
तुम्हारी आँखों से छलके हुए उन पैमानों की
वो ख़ुमारी मैं आज भी महसूस करता हूँ
रौनक थी कल तुम्हारी चूड़ियों से दिल में
झंकार चूड़ियों की मैं आज भी महसूस करता हूँ
कल तुम्हारे प्यार ने सँवारी थी ज़िंदगी मेरी
ज़िंदा हूँ उसी बदौलत मैं आज भी महसूस करता हूँ
09:20 AM
तुम्हारे एहसान जो मुझ पे क़ायम थे कल तक
बहुत शिद्दत से मैं आज भी महसूस करता हूँ
तुम्हारी आँखों से छलके हुए उन पैमानों की
वो ख़ुमारी मैं आज भी महसूस करता हूँ
रौनक थी कल तुम्हारी चूड़ियों से दिल में
झंकार चूड़ियों की मैं आज भी महसूस करता हूँ
कल तुम्हारे प्यार ने सँवारी थी ज़िंदगी मेरी
ज़िंदा हूँ उसी बदौलत मैं आज भी महसूस करता हूँ
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