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Thursday, October 4, 2012

छुड़ा के दामन जा तो रहे हो

23-03-1994
11:15 AM

छुड़ा के दामन जा तो रहे हो
सोच समझ लो क्यूँ जा रहे हो ?

मेरी लगी तो बुझ न सकेगी
मिटाए अपनी हँसी क्यूँ जा रहे हो ?

खुश रह सकोगे ऐसे में तुम क्या ?
बहाये अश्कों को अपने क्यूँ जा रहे हो ?

नादाँ हूँ मैं तो समझ सका न
लुटाये अपनी जवानी क्यूँ जा रहे हो ?

समझ सके न जिसे मेरी जवानी
सुनाये ऐसी कहानी क्यूँ जा रहे हो ?

 

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