23-08-1994
05:45 PM
न पहला कभी कदम उठायेंगे
बस यूँ ही तुम्हे चाहते जायेंगे
तेरी खुशियों की ख़ातिर सनम
बेशक हम जान से जायेंगे
मंज़र देख लेना ये कभी भी
तुम्हारी राहों में पलकें बिछायेंगे
मोहब्बत कहाँ हुई ज़माने में अब तक
हम मोहब्बत करके दिखायेंगे
05:45 PM
न पहला कभी कदम उठायेंगे
बस यूँ ही तुम्हे चाहते जायेंगे
तेरी खुशियों की ख़ातिर सनम
बेशक हम जान से जायेंगे
मंज़र देख लेना ये कभी भी
तुम्हारी राहों में पलकें बिछायेंगे
मोहब्बत कहाँ हुई ज़माने में अब तक
हम मोहब्बत करके दिखायेंगे
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