यही है, यही है, यही है ज़िंदगी
ए-बशर तू इसमें ढूंढता है क्या?
गुज़र गया जो, नसीब था तेरा
परे नसीब से और बूझता है क्या?
जी ले, आज यही मौका है मिला
ए-बशर तू इसमें ढूंढता है क्या?
गुज़र गया जो, नसीब था तेरा
परे नसीब से और बूझता है क्या?
जी ले, आज यही मौका है मिला
हक़ीकत से और जूझता है क्या?
जिआ नहीं तो, मर ही तो गया
बाद मौत के और सूझता है क्या ?
No comments:
Post a Comment