28-03-1994
08:30 A.M
08:30 A.M
मेरे इश्क की मज़ार पर आया कीजिएगा
हंसाया कीजिएगा, कभी रूलाया कीजिएगा
खुशबू बिखेरेंगे फूल तेरे हुस्न के,
चराग़ दिल के भी कभी जलाया कीजिएगा
जश्न मनायेंगे मिल कर बर्बादी का मेरी,
सरूर आँखों में भर के आया कीजिएगा
उदास रह के ना मेरी रूह को परेशाँ करना,
चहक बुलबुल वाली भी सुनाया कीजिएगा
No comments:
Post a Comment