View - एक नज़रिया
जज्बात और अल्फाज़ का मिलन बना है खास सा तुम कैफियत से जायका लेना हर इक एहसास का
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Monday, May 14, 2012
मैं लूटने तो न आया था ख्यालात तेरे
मैं लूटने तो न आया था ख्यालात तेरे
क्यूँ पशेमाँ कर रहे है सवालात तेरे
गर ढूँढना है दिल तो "उसके" पास जा
यहाँ अपना ही कुछ बचा नहीं पास मेरे
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