पलकों पे सज़ाने के लिए कुछ ख़्वाब भेजूँगा
हाँ तुझे तस्वीरों की भी इक क़िताब भेजूँगा
बच्चों की तरह अब ज़िद करना छोड़ दे
अगले ख़त में तुझे नींद का सैलाब भेजूँगा
हाँ तुझे तस्वीरों की भी इक क़िताब भेजूँगा
बच्चों की तरह अब ज़िद करना छोड़ दे
अगले ख़त में तुझे नींद का सैलाब भेजूँगा
No comments:
Post a Comment