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Wednesday, March 14, 2012

ख़्वाब, रंग और अक्स, हक़ीकत

01-12-2010
10:15 PM
ख़्वाब, रंग और अक्स, हक़ीकत
या हो फिर आस्मां, हवा की बातें

झरने, बादल, बिजली, बारिश,
या हो फिर बस घटा की बातें

कली, फूल हो, महक हो खुशबू
या हो फिर मौसमे ग़ुल की बातें

कुछ भी तो नहीं है तुम बिन
बेशक़ हो सारे जहाँ की बातें

तुमको देखा तो सर झुक गया
ख़त्म हो गयी यहाँ-वहाँ की बातें

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