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Saturday, March 3, 2012

मुझसे जो मिलो तो तक्लुफ्फ़ न रखना

03-03-2012
12:05 PM
मुझसे जो मिलो तो तक्लुफ्फ़ न रखना
कह देना दिल की बात बाकी  न रखना


लबों को बोल देना आज बोलना  पड़ेगा
मोत़ी से दांतों को भी बिखरते  रखना

आँखों को चमकने,पलकों को झपकने देना
जुल्फें  उड़े जिधर कोई परवाह न रखना

ज़ेहन को कह देना मदहोशी का है आलम
ख्वाबों की तासीर को हक़ीकत में रखना









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