03-03-2012
12:05 PM
मुझसे जो मिलो तो तक्लुफ्फ़ न रखना
कह देना दिल की बात बाकी न रखना
लबों को बोल देना आज बोलना पड़ेगा
मोत़ी से दांतों को भी बिखरते रखना
आँखों को चमकने,पलकों को झपकने देना
जुल्फें उड़े जिधर कोई परवाह न रखना
ज़ेहन को कह देना मदहोशी का है आलम
ख्वाबों की तासीर को हक़ीकत में रखना
12:05 PM
मुझसे जो मिलो तो तक्लुफ्फ़ न रखना
कह देना दिल की बात बाकी न रखना
लबों को बोल देना आज बोलना पड़ेगा
मोत़ी से दांतों को भी बिखरते रखना
आँखों को चमकने,पलकों को झपकने देना
जुल्फें उड़े जिधर कोई परवाह न रखना
ज़ेहन को कह देना मदहोशी का है आलम
ख्वाबों की तासीर को हक़ीकत में रखना
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