05-03-2012
09:25 PM
तभी तो खुशियाँ भी ग़म को रोती है
हर क्यूं के पीछे इक कसर होती है
यूं तो बीत ही जाती है जिंदगी ख़ुशी से
"उसके" इक सहारे की कसक होती है
जब लुट चुका हो जज़्बातों का कारवां
"उसको" भी बस तब ही ख़बर होती है
यही है हक़ीकत इसे ज़िंदगी कहते है
ये ज़िंदगी तो बस यूं ही बसर होती है
09:25 PM
तभी तो खुशियाँ भी ग़म को रोती है
हर क्यूं के पीछे इक कसर होती है
यूं तो बीत ही जाती है जिंदगी ख़ुशी से
"उसके" इक सहारे की कसक होती है
जब लुट चुका हो जज़्बातों का कारवां
"उसको" भी बस तब ही ख़बर होती है
यही है हक़ीकत इसे ज़िंदगी कहते है
ये ज़िंदगी तो बस यूं ही बसर होती है
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