03-02-2012
01:10 PM
(अतुल जी आपकी आह ....................)
दिल से निकली आवाज़ टूट कर बिखर गयी
मेरे जज्बातो की लहर न जाने किधर गयी
उन तक पहुंची के नहीं दीवाने की आह
खुशबू सी फ़ैल गयी वो चाह जिधर गयी
मेरे दर्द की दवा तो कोई क्या करता ?
मज़ा लोगो का बन गयी जो उधर गयी
ज़माना समझा न समझा ख्यालात मेरे
रौशनी प्यार की दिल में घर कर गयी
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