26-04-1994
03:45 PM
तेरे मेरे दरमियाँ कुछ हो जाए तो बात बन जाए
ये ख़्वाब की बात हक़ीकत हो जाए तो बात बन जाए
मैं इशारा करू और तू आ जाए छत पर
तू छत पर आकर मुस्करा जाये तो बात बन जाये
मय छलकती है जो तुम्हारी आँखों से हरदम
इक पैमाना हमें मिल जाये तो बात बन जाये
सलवटे बेशुमार पड़ी हो पैरहन पे तुम्हारे
इल्ज़ाम हमारे सर आ जाये तो बात बन जाये
इल्ज़ाम हमारे सर आ जाये तो बात बन जाये
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