23-08-1994
06:30 PM
तेरे दर पे मोहब्बत की फ़रियाद लाया हूँ
इक टूटा हुआ दिल और जज़्बात लाया हूँ
गिनने बैठो तो न गिन सको मेरे ज़ख्मों को
ऐसी अपने सितमों की सौगात लाया है
बचा रखना किसी तरह अपने चमन को
कुफ़र भरे कांटों की बरसात लाया हूँ
मेरे अपना यंहा कुछ भी तो न था
जो दिया ज़माने ने वो साथ लाया हूँ
06:30 PM
तेरे दर पे मोहब्बत की फ़रियाद लाया हूँ
इक टूटा हुआ दिल और जज़्बात लाया हूँ
गिनने बैठो तो न गिन सको मेरे ज़ख्मों को
ऐसी अपने सितमों की सौगात लाया है
बचा रखना किसी तरह अपने चमन को
कुफ़र भरे कांटों की बरसात लाया हूँ
मेरे अपना यंहा कुछ भी तो न था
जो दिया ज़माने ने वो साथ लाया हूँ
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